बहुत समय पहले, एक छोटे से गांव में एक लड़का रहता था जिसका नाम अर्जुन था। अर्जुन गरीब था, लेकिन उसके दिल में सपने बहुत बड़े थे। वह हमेशा आसमान की ओर देखता और सोचता, “काश, मैं भी किसी बड़े काम को कर सकूं, जो सबको प्रेरित कर सके।”
अर्जुन के पास कोई संपत्ति नहीं थी, लेकिन उसमें एक खास बात थी, वह कभी हार नहीं मानता था। उसके पास एक पुरानी किताब थी जिसमें उसने दुनिया के महान लोगों के बारे में पढ़ा था। उस किताब को पढ़ते हुए अर्जुन को यह अहसास हुआ कि जो लोग दुनिया में बड़ा नाम कमाते हैं, वे हमेशा मुश्किलों का सामना करते हैं, लेकिन वे कभी अपनी उम्मीद नहीं छोड़ते।
एक दिन अर्जुन को अपने गांव में एक बड़ा मेले का आयोजन होते हुए देखा। मेले में हर प्रकार के खेल, झूले और प्रदर्शनी लगी थी। वहां एक बड़ा खेल प्रतियोगिता हुआ करता था जिसमें विजेता को बहुत बड़ा पुरस्कार मिलता था। अर्जुन ने ठान लिया कि वह इस प्रतियोगिता में भाग लेगा, लेकिन उसके पास कोई तैयारी नहीं थी। उसने सोचा, “अगर हार भी जाऊं, तो कम से कम मैंने कोशिश तो की।”
अर्जुन ने दिन-रात मेहनत की। उसने दौड़ने, कूदने और शक्ति पर काम करना शुरू किया। गांव के लोग उसकी मेहनत देख कर हंसी उड़ाते थे, लेकिन अर्जुन ने कभी भी हार नहीं मानी। आखिरकार, प्रतियोगिता का दिन आ गया।
अर्जुन ने पूरी तैयारी के साथ प्रतियोगिता में भाग लिया। पहले राउंड में ही उसने कुछ कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उसने अपने हौसले को बनाए रखा। धीरे-धीरे, प्रतियोगिता के फाइनल राउंड में पहुंचते हुए अर्जुन ने सबसे बड़ी चुनौती को पार किया और वह विजेता घोषित हुआ।
पूरा गांव हैरान रह गया, क्योंकि अर्जुन एक छोटे से गांव का लड़का था, लेकिन उसकी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने उसे सबसे आगे बढ़ाया। अर्जुन ने साबित कर दिया कि अगर इरादा मजबूत हो, तो किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।
अर्जुन के जीतने के बाद, उसने सबको यह सिखाया कि किसी भी मुश्किल को पार करने के लिए सिर्फ मेहनत और विश्वास की जरूरत होती है। उसका नाम अब पूरे गांव में आदर्श बन चुका था। लोग उसे “सपनों का उड़ान” कहते थे, क्योंकि उसने यह साबित कर दिया था कि सपने बड़े हो सकते हैं, बशर्ते उन्हें सच्चे दिल से पंख दिए जाएं।
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