बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर: एक युगपुरुष, एक संविधान निर्माता

बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर: एक युगपुरुष, एक संविधान निर्माता
Jay Bhim

भारत के इतिहास में डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। उन्हें केवल एक नेता, समाज सुधारक या संविधान निर्माता के रूप में ही नहीं, बल्कि एक क्रांतिकारी विचारक, महान विधिवेता, मानवाधिकारों के पुरोधा और सामाजिक न्याय के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने अपने जीवन में जितना संघर्ष किया, उतना ही समाज को बदलने का साहसिक कार्य भी किया।

👶 प्रारंभिक जीवन

  • जन्म: 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू (अब डॉ. अंबेडकर नगर) में हुआ।
  • पिता: रामजी मालोजी सकपाल एक फौजी थे।
  • माता: भीमाबाई
  • अंबेडकर जी महार जाति से थे, जिसे समाज में अछूत माना जाता था। बचपन से ही उन्होंने भेदभाव और अपमान झेला।

📚 शिक्षा – ज्ञान की अनंत यात्रा

  • प्राथमिक शिक्षा सतारा (महाराष्ट्र) में हुई, जहां उन्हें स्कूल में बैठने तक नहीं दिया जाता था।
  • 1897 में बॉम्बे के एल्फिंस्टन स्कूल में दाखिला लिया।
  • 1907 में मैट्रिक पास करने वाले अपनी जाति के पहले व्यक्ति बने।
  • 1912 में बॉम्बे विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया।
  • 1913 में स्कॉलरशिप पर अमेरिका गए और कोलंबिया यूनिवर्सिटी
  • बाद में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और ग्रेज़ इन (लॉ कॉलेज) से कानून की पढ़ाई पूरी की।

✊ सामाजिक आंदोलन और संघर्ष

डॉ. अंबेडकर ने जातिवाद और छुआछूत के खिलाफ आजीवन संघर्ष किया। उन्होंने अनेक आंदोलनों के माध्यम से दलितों को उनके अधिकारों के लिए प्रेरित किया।

मुख्य आंदोलनों में शामिल:

  • महाड़ सत्याग्रह (1927): यह आंदोलन दलितों को सार्वजनिक तालाबों से पानी लेने का अधिकार दिलाने के लिए हुआ।
  • नासिक का कालाराम मंदिर सत्याग्रह: मंदिर प्रवेश के अधिकार के लिए किया गया आंदोलन।
  • दलितों के लिए पृथक निर्वाचिका की मांग: उन्होंने दलितों के लिए अलग प्रतिनिधित्व की वकालत की, जिससे पूना पैक्ट (1932) हुआ।

📜 भारतीय संविधान के निर्माता

स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माण के लिए डॉ. अंबेडकर को संविधान मसौदा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

  • उन्होंने 2 वर्ष 11 महीने में संविधान का प्रारूप तैयार किया।
  • भारतीय संविधान को दुनिया का सबसे बड़ा और विस्तृत संविधान माना जाता है।
  • उन्होंने समानता, धर्मनिरपेक्षता, स्वतंत्रता, न्याय और शिक्षा जैसे अधिकारों को संविधान में समाहित किया।

🏛️ राजनीतिक जीवन

  • 1947 में भारत के पहले कानून मंत्री बने।
  • 1956 में उन्होंने दलित वर्ग के उत्थान के लिए भारतीय बौद्ध महासभा
  • 14 अक्टूबर 1956 को नागपुर में लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म

📚 लेखन और विचार

डॉ. अंबेडकर ने समाज, अर्थव्यवस्था, राजनीति और धर्म पर कई पुस्तकें लिखीं:

  • Annihilation of Caste
  • Who Were the Shudras?
  • The Buddha and His Dhamma
  • Thoughts on Linguistic States

🕯️ निधन

6 दिसंबर 1956 को डॉ. अंबेडकर का देहांत हुआ। उन्हें दिल्ली के चौकीधानी स्तूप (अब ‘चैत्यभूमि’) में समाधि दी गई।

🌟 डॉ. अंबेडकर की प्रमुख उपलब्धियाँ

  • भारतीय संविधान के निर्माता
  • पहले कानून मंत्री
  • दलितों के लिए सामाजिक क्रांति के प्रतीक
  • बौद्ध धर्म के पुनर्जागरण के अगुवा
  • भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका

💬 प्रेरणादायक विचार (Quotes)

  • "शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो।"
  • "जो समाज को बदलने का साहस नहीं रखता, वह कभी आगे नहीं बढ़ सकता।"
  • "जीवन लम्बा होने के बजाय महान होना चाहिए।"

📌 निष्कर्ष

डॉ. भीमराव अंबेडकर न केवल एक नेता थे, बल्कि एक विचारधारा थे, एक क्रांति थे। उन्होंने लाखों लोगों को न्याय, समानता और सम्मान का अधिकार दिलाया। उनका जीवन आज भी करोड़ों लोगों को प्रेरणा देता है। हमें उनके दिखाए रास्ते पर चलकर समाज में समानता और भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए।

जय भीम!

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