"पहलगाम आतंकी हमला: पाकिस्तान की संसद में भारत के खिलाफ जहर, बढ़ते तनाव की पड़ताल"
📰 घटना का सारांश: पहलगाम में आतंक का कहर
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भीषण आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। यह हमला पिछले दो दशकों में नागरिकों पर सबसे घातक माना जा रहा है। हमले के बाद भारतीय सेना ने व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया है, और दो संदिग्ध आतंकियों के घरों को ध्वस्त कर दिया गया है। Reuters
🇵🇰 पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: संसद में भारत के खिलाफ तीखी टिप्पणियाँ
हमले के बाद पाकिस्तान की संसद में भारत के खिलाफ तीखी टिप्पणियाँ की गईं। डिप्टी प्रधानमंत्री इशाक डार ने संसद में प्रस्ताव पेश किया, जिसमें कहा गया कि पाकिस्तान किसी भी आक्रमण के खिलाफ अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के लिए पूरी तरह सक्षम और तैयार है। प्रस्ताव में भारत पर पाकिस्तान को बदनाम करने का आरोप लगाया गया और सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के फैसले की निंदा की गई।
🇮🇳 भारत की प्रतिक्रिया: कड़े कदम और सुरक्षा उपाय
भारत ने हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी-वाघा सीमा को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना और राजनयिक संबंधों को कम करना शामिल है। Scroll.in रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत इस कायरतापूर्ण हमले के पीछे के षड्यंत्रकारियों तक पहुंचेगा और उन्हें कड़ा जवाब देगा। The New Indian Express
🌍 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: वैश्विक समुदाय की चिंता
हमले की निंदा करते हुए अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश और श्रीलंका सहित कई देशों ने पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने भी इस हमले की निंदा की है और दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। Wikipedia
⚠️ निष्कर्ष: बढ़ते तनाव और संभावित परिणाम
पहलगाम हमला भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और बिगाड़ सकता है। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य कदमों की श्रृंखला से यह स्पष्ट है कि स्थिति गंभीर है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस बढ़ते तनाव को कम करने के लिए सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए, ताकि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनी रहे।
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